साइबर अपराध क्या है (cyber crimes)
साइबर अपराध (cyber crimes) -
साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना । किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है।
कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक़्त नजर रखना।
साइबर अपराध के प्रकार -
1. हैकिंग (Hacking) -
हैकिंग एक प्रकार का साइबर अपराध जिसमें एक व्यक्ति के कंप्यूटर के अंदर, उसकी व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी को प्राप्त करने के उद्देश्य से उस तक पहुंच बनायी जाती है। अर्थात किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसके कंप्यूटर की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को चुराना हैकिंग कहलाता है। हैकिंग करने वाले व्यक्ति को हैकर कहा जाता है। हैकिंग में अपराधी विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से व्यक्ति के कंप्यूटर में प्रवेश करने का प्रयास करता है और पीड़ित व्यक्ति को यह पता भी नहीं चलता है।
2. साइबर स्टॉकिंग और थेफ़्ट (Cyber stoking and Theft) -
साइबर स्टॉकिंग एक प्रकार का ऑनलाइन उत्पीड़न है जिसमें पीड़ित को ऑनलाइन संदेशों और मेल्स के माध्यम से परेशान किया जाता है। इसके अलावा थेफ़्ट भी एक प्रकार का अपराध है। जब कोई व्यक्ति ऑनलाइन या डिजिटल के माध्यमों से कॉपीराइट के नियमों का उल्लंघन करता है जैसे- गैर कानूनी तरीके से कई गाने, मूवी या गेम आदि डाउनलोड करता है उसे थेप्ट कहा जाता है।
3. साइबर फिशिंग - किसी के पास स्पैम ईमेल भेजना ताकी वो अपनी निजी जानकारी दे और उस जानकारी से उसका नुकसान हो सके। यह इमेल आकर्षित होते है।
• वायरस फैलाना - साइबर अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर आपके कम्प्युटर पर भेजते हैं जिसमें वायरस छिपे हो सकते हैं, इनमें वायरस, वर्म, टार्जन हॉर्स, लॉजिक हॉर्स आदि वायरस शामिल हैं, यह आपके कंप्यूटर को काफी हानि पहुँचा सकते हैं।
• सॉफ्टवेयर पाइरेसी - सॉफ्टवेयर की नकल तैयार कर सस्ते दामों में बेचना भी साइबर क्राइम के अन्तर्गत आता है, इससे साफ्टवेयर कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही साथ आपके कीमती उपकरण भी ठीक से काम नहीं करते हैं।
• फर्जी बैंक कॉल - आपको जाली ईमेल, मैसेज या फोन कॉल प्राप्त हो जो आपकी बैंक जैसा लगे जिसमें आपसे पूछा जाये कि आपके एटीएम नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता है और यदि आपके द्वारा यह जानकारी नहीं दी गयी तो आपको खाता बन्द कर दिया जायेगा या इस लिंक पर सूचना दें। याद रखें किसी भी बैंक द्वारा ऐसे कॉल नहीं आते है।
साइबर अपराध के कारण (Causes of Cyber Crimes) -
1. डिजिटल जागरूकता की कमी होना
2. प्रभावी कानूनों का अभाव
3. तकनीकी अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी
4. साइबर क्राइम के दायरों का अधिक विस्तृत न होना
5. साइबर क्राइम से संबंधित शिकायत प्रणाली का अभाव
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